सभी महान आन्दोलन लोक्रप्रिय आन्दोलन होते हैं। वे मानवीय जूनून और भावनाओं का विस्फोट होते हैं , जो कि विनाश की देवी या लोगों के बीच बोले गए शब्दों की मशाल के द्वारा क्रियान्वित किये जाते हैं .
सभी प्रचार लोकप्रिय होने चाहिए और इन्हें जिन तक पहुचाना है उनमे से सबसे कम बुद्धिमान व्यक्ति के भी समझ में आने चाहियें .
कोई भी गठबंधन जिसका उद्देश्य युद्ध शुरू करना नहीं है वो मूर्खतापूर्ण और बेकार है .
जो कोई भी आकाश को हरा और मैदान को नीला देखता या पेंट करता है उसे मार देना चाहिए .
एक ईसाई होने के नाते मुझे खुद को ठगे जाने से बचाने का कोई कर्तव्य नहीं है , लेकिन सत्य और न्याय के लिए लड़ने का मेरा कर्तव्य है .
कुशल और निरंतर प्रचार के ज़रिये , कोई लोगों को स्वर्ग भी नर्क की तरह दिखाया जा सकता है या एक बिलकुल मनहूस जीवन को स्वर्ग की तरह दिखाया जा सकता है .
आश्चर्य , भय , तोड़-फोड़ , हत्या के ज़रिये दुश्मन को अन्दर से हतोत्साहित कर दो .यह भविष्य का युद्ध है .
जनरलस सोचते हैं कि युद्ध मध्य युग की खेल-कूद प्रतियोगिताएं की तरह छेड़े जाने चाहिए . मुझे शूरवीरों का कोई काम नहीं है ; मुझे क्रांतिकारी चाहियें .
जर्मनी या तो एक विश्व-शक्ति होगा या फिर होगा ही नहीं .
1 Comment
If some one needs expert view concerning running a blog then i recommend
him/her to visit this blog, Keep up the
nice work.