I know, O Arjuna, the beings of the past, of the present, and those of the future, but no one really knows Me. हे अर्जुन !, मैं भूत , वर्तमान और भविष्य के सभी प्राणियों को जानता हूँ , किन्तु वास्तविकता में कोई मुझे नहीं जानता .
The unsuccessful yogi is reborn, after attaining heaven and living there for many years, in the house of the pure and prosperous. स्वर्ग प्राप्त करने और वहां कई वर्षों तक वास करने के पश्चात एक असफल योगी का पुन: एक पवित्र और समृद्ध कुटुंब में जन्म होता है
The mind alone is one’s friend as well as one’s enemy. केवल मन ही किसी का मित्र और शत्रु होता है
I am seated in the hearts of all beings. मैं सभी प्राणियों के ह्रदय में विद्यमान हूँ .
There is nothing, animate or inanimate, that can exist without Me. ऐसा कुछ भी नहीं , चेतन या अचेतन , जो मेरे बिना अस्तित्व में रह सकता हो .
The One who leaves the body, at the hour of death, remembering Me attains My abode. There is no doubt about this. वह जो मृत्यु के समय मुझे स्मरण करते हुए अपना शरीर त्यागता है, वह मेरे धाम को प्राप्त होता है . इसमें कोई शंशय नहीं है .
Those who have no faith in this knowledge follow the cycle of birth and death without attaining Me.
वह जो इस ज्ञान में विश्वास नहीं रखते , मुझे प्राप्त किये बिना जन्म और मृत्यु के चक्र का अनुगमन करते हैं .