- पूर्ण रूप से ईश्वर में समर्पित हो जाइये.
- यदि तुम मुझे अपने विचारों और उद्देश्य की एकमात्र वस्तु रक्खोगे , तो तुम सर्वोच्च लक्ष्य प्राप्त करोगे.
- अपने गुरु में पूर्ण रूप से विश्वास करें. यही साधना है.
- मैं अपने भक्त का दास हूँ.
- मेरी शरण में रहिये और शांत रहिये. मैं बाकी सब कर दूंगा.
- हमारा कर्तव्य क्या है? ठीक से व्यवहार करना. ये काफी है.
- मेरी दृष्टि हमेशा उनपर रहती है जो मुझे प्रेम करते हैं.
- तुम जो भी करते हो, तुम चाहे जहाँ भी हो, हमेशा इस बात को याद रखो: मुझे हमेशा इस बात का ज्ञान रहता है कि तुम क्या कर रहे हो.
- मैं अपने भक्तों का अनिष्ट नहीं होने दूंगा.
- अगर मेरा भक्त गिरने वाला होता है तो मैं अपने हाथ बढ़ा कर उसे सहारा देता हूँ.
- मैं अपने लोगों के बारे में दिन रात सोचता हूँ. मैं बार-बार उनके नाम लेता हूँ.
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Jai Shi Nath