- प्रसन्नचित्त मनुष्य अधिक जीते हैं | ~ शेक्सपियर
- प्रसन्न करने का उपाय है, स्वयं प्रसन्न रहना।
- हर्ष के साथ शोक और भय इस प्रकार लगे हैं जैसे प्रकाश के संग छाया, सच्चा सुखी वही है जिसकी दृष्टि में दोनों समान हैं| ~ धम्मपद
- प्रसन्नता बसन्त की तरह, ह्रदय की सब कलियां खिला देती है | ~ जीनपॉल
- जो व्यक्ति सभी को खुश रखना चाहेगा, वह किसी को खुश नहीं रख सकता |
- सुख सर्वत्र मौजूद है, उसका स्त्रोत हमारे ह्रदयों में है | ~ रस्किन
- सुख का रहस्य त्याग में है | ~ एण्ड्रयू कारनेगी
- सुख बाहर से मिलने की चीज नहीं, मगर अहंकार छोड़े बगैर इसकी प्राप्ति भी होने वाली नहीं | ~ महात्मा गांधी
- जीवन का वास्तविक सुख, दूसरों को सुख देने में हैं, उनका सुख लूटने में नहीं | ~ मुंशी प्रेमचंद
- जीवन के प्रति जिस व्यक्ति कि कम से कम शिकायतें है, वही इस जगत में अधिक से अधिक सुखी है |
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