Short Motivational Story – Krodh par vijay in hindi

Motivational Stories with imagesएक व्यक्ति के बारे में यह विख्यात था कि उसको कभी क्रोध आता ही नहीं है। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें सिर्फ बुरी बातें ही सूझती हैं। ऐसे ही व्यक्तियों में से एक ने निश्चय किया कि उस अक्रोधी सज्जन को पथच्युत किया जाये और वह लग गया अपने काम में। उसने इस प्रकार के लोगों की एक टोली बना ली और उस सज्जन के नौकर से कहा – “यदि तुम अपने स्वामी को उत्तेजित कर सको तो तुम्हें पुरस्कार दिया जायेगा।” नौकर तैयार हो गया। वह जानता था कि उसके स्वामी को सिकुडा हुआ बिस्तर तनिक भी अच्छा नहीं लगता है। अत: उसने उस रात बिस्तर ठीक ही नहीं किया।

प्रात: काल होने पर स्वामी ने नौकर से केवल इतना कहा – “कल बिस्तर ठीक था।”

सेवक ने बहाना बना दिया और कहा – “मैं ठीक करना भूल गया था।”

भूल तो नौकर ने की नहीं थी, अत: सुधरती कैसे? इसलिये दूसरे, तीसरे और चौथे दिन भी बिस्तर ठीक नहीं बिछा।

तब स्वामी ने नौकर से कहा – “लगता है कि तुम बिस्तर ठीक करने के काम से ऊब गये हो और चाहते हो कि मेरा यह स्वभाव छूट जाये। कोई बात नहीं। अब मुझे सिकुडे हुए बिस्तर पर सोने की आदत पडती जा रही है।”

Also Read:  Chanakya Quotes in Hindi

अब तो नौकर ने ही नहीं बल्कि उन धूर्तों ने भी हार मान ली।


Don't forget to Share this:

You may also like

2 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *